Sunday, May 4, 2008

कैद ....

जो जेल में बंद हैं वो कैदी हैं
जो जेल में बंद नहीं हैं ,उन को क्या कहेंगे
स्वतंत्र !!!
आजाद :::::
सचमुच ॥
भरोसा नहीं होता है
कितनी बार
आप कर पाते हैं आप अपने मन की भावनाओं को व्यक्त
उस को दे पाते हैं खुले आसमान में एक उन्मुक्त उड़ान
कई बार चाह कर भी नहीं
जयादातर बार नहीं
कभी सामाजिक परिवेश की दुहाई
कभी किसी अन्य उत्तरदायित्व का बोझ
इस खुले शरीर के साथ मन खुला नही है
वो है पूर्वाग्रहों से ग्रस्त
कसमसाता हुआ कैद में
तो कौन हुआ है कैदी
जो जेल में बंद हैं
या जो सड़को पे दौड़ लगा रहा है आपनी चाह के विरुद्ध
उत्तर आप के पास है
आप कैदी हैं या आजाद

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About Me

मैं एक ऐसा व्यक्ति हूँ जो सोचता बहुत हूँ पर करता कुछ भी नहीं हूँ. इस से अच्छा मेरा परिचय कुछ भी नहीं हो सकता है मैं खयालों की दुनिया में जीने वाला इन्सान हूँ . सच्चाई के पास रह कर भी दूर रहने की कोशिश करता हूँ अगर सच्चाई के पास रहूँगा तो शायद चैन से नहीं रह पाउँगा पर हर घड़ी सत्य की तलाश भी करता रहता हूँ . शायद आप को मेरी बातें विरोधाभाषी लग रही होगी पर सच्चाई यही हैं.. ये बात सिर्फ मुझ पर हीं नहीं लागू होती है शायद हम में से ज्यादातर लोगों पर लागू होती है. मैं तो गांव में पला -बढा ,शहर की बारीकियों से अनजान इक गंवई इन्सान हूँ जिसे ज्यादातर शहर के तौर तरीके पता नहीं हैं.