Friday, May 2, 2008

इक नयी कोशिश !

बहुत दिनों से कुछ लिखा नही था तो मैं ने सोंचा की क्यों ना कुछ लिखा जाए !
तो ये है मेरी नयी कोशिश !
सब कहते हैं की दुनिया बदल गयी है
मैं कहता हूँ कुछ भी नही बदला हैं
कौन कहता है की दुनिया बदल गयी हैं
कुछ प्रमाण लेकर तो आओ !
दुनिया के बदलने की
आज भी वही भ्रूण हत्या
स्त्री का शोषण ,दोहन
गरीबों पर अत्याचार

1 comment:

ganand said...

बहुत हिन् अच्छा प्रयास. आशा है की आप अपनी लेखनी को आगे भी नियमित रूप से जिवंत रखेंगे ....दूसरी पारी में आपका स्वागत है .
गुनगुन

About Me

मैं एक ऐसा व्यक्ति हूँ जो सोचता बहुत हूँ पर करता कुछ भी नहीं हूँ. इस से अच्छा मेरा परिचय कुछ भी नहीं हो सकता है मैं खयालों की दुनिया में जीने वाला इन्सान हूँ . सच्चाई के पास रह कर भी दूर रहने की कोशिश करता हूँ अगर सच्चाई के पास रहूँगा तो शायद चैन से नहीं रह पाउँगा पर हर घड़ी सत्य की तलाश भी करता रहता हूँ . शायद आप को मेरी बातें विरोधाभाषी लग रही होगी पर सच्चाई यही हैं.. ये बात सिर्फ मुझ पर हीं नहीं लागू होती है शायद हम में से ज्यादातर लोगों पर लागू होती है. मैं तो गांव में पला -बढा ,शहर की बारीकियों से अनजान इक गंवई इन्सान हूँ जिसे ज्यादातर शहर के तौर तरीके पता नहीं हैं.