Sunday, May 4, 2008

चौराहे पर एक रेस

जैसे ही होती है लालबत्ती
रुक जाती हैं ज्यादातर गाडीयां
रुकी हुई गाड़ियों में भी लगी है एक रेस
कब हो बत्ती हरी
भाग जाऊँ
हर कोई हो रहा है एक दूसरे से आगे
जैसे की १०० मीटर की रेस है
पावेल का रेकॉर्ड तोड़ना है

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About Me

मैं एक ऐसा व्यक्ति हूँ जो सोचता बहुत हूँ पर करता कुछ भी नहीं हूँ. इस से अच्छा मेरा परिचय कुछ भी नहीं हो सकता है मैं खयालों की दुनिया में जीने वाला इन्सान हूँ . सच्चाई के पास रह कर भी दूर रहने की कोशिश करता हूँ अगर सच्चाई के पास रहूँगा तो शायद चैन से नहीं रह पाउँगा पर हर घड़ी सत्य की तलाश भी करता रहता हूँ . शायद आप को मेरी बातें विरोधाभाषी लग रही होगी पर सच्चाई यही हैं.. ये बात सिर्फ मुझ पर हीं नहीं लागू होती है शायद हम में से ज्यादातर लोगों पर लागू होती है. मैं तो गांव में पला -बढा ,शहर की बारीकियों से अनजान इक गंवई इन्सान हूँ जिसे ज्यादातर शहर के तौर तरीके पता नहीं हैं.