एक प्रश्न है मेरे पास , अपना देश कैसा हो ? बहुत पैसा हो, अमन-चैन हो । क्या हो अपने देश में? सब के अपने अपने विचार होंगे ,पर जहां तक मेरा मानना है की हमारे राष्ट्र के लोग शक्तिशाली हों। अपने राष्ट्र में कमजोर लोग कम से कम हों। मैं यह नहीं कह रहा हूँ की सारे लोग शारीरिक रूप से शक्तिशाली हों पर ये बात तो जरूर हो की कोई कमजोर नहीं हो।
मेरे मन में एक राष्ट्र की कल्पना है जो उर्जा के क्षेत्र में धनी हो॥
वो उर्जा जो भी हो...
:-) मानव की शारीरिक शक्ति के रूप में हो
:-) मानव की मानसिक शक्ति हो
:-) अध्यात्मिक शक्ति हो
:-) मानव की सामरिक शक्ति हो मतलब राष्ट्र की सामरिक शक्ति
:-) हर प्रकार की उर्जा जो राष्ट्र को आगे ले जाए
फिर अगर अपने देश का मानव स्वस्थ हो, दृढ़ निश्चयी हो तो बाकी सारी तरह की उर्जा की प्राप्ति हो सकती है।
जहां तक मानव के स्वस्थ होने की बात है इस के लिए हमें ,यानी हमारे राष्ट्र को क्या करना होगा॥
मैं चाहता हूँ की इस प्रश्न का उत्तर आप की तरफ से आए
(धन्यबाद)
सादर
मुकुल
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Blog Archive
-
▼
2008
(26)
-
▼
May
(22)
- राष्ट्र कैसा हो?
- http://savesuraj.blogspot.com/
- वक्त की तकदीर
- कौन छोटा कौन बड़ा
- वो लोग जिंदा नहीं हैं.
- भारत की अमीरी भाग -१
- राह से भटकते नौजवान
- भारत की अमीरी
- अब मुझे सो जाने दो
- अरसा बाद
- बांधों नही बंधू मुझे
- सोया नहीं आज सारी रात
- चौराहे पर एक रेस
- धर्मं का धुरा
- स्वागत है
- नाम जो बदल गया
- सिमटती हुई दुनिया बिखरते हुए लोग
- कैद ....
- आओ करें युद्ध की तैयारी ??
- पराये देश में ???
- मन तो है बैतलवा!!
- इक नयी कोशिश !
-
▼
May
(22)
About Me
- Mukul
- मैं एक ऐसा व्यक्ति हूँ जो सोचता बहुत हूँ पर करता कुछ भी नहीं हूँ. इस से अच्छा मेरा परिचय कुछ भी नहीं हो सकता है मैं खयालों की दुनिया में जीने वाला इन्सान हूँ . सच्चाई के पास रह कर भी दूर रहने की कोशिश करता हूँ अगर सच्चाई के पास रहूँगा तो शायद चैन से नहीं रह पाउँगा पर हर घड़ी सत्य की तलाश भी करता रहता हूँ . शायद आप को मेरी बातें विरोधाभाषी लग रही होगी पर सच्चाई यही हैं.. ये बात सिर्फ मुझ पर हीं नहीं लागू होती है शायद हम में से ज्यादातर लोगों पर लागू होती है. मैं तो गांव में पला -बढा ,शहर की बारीकियों से अनजान इक गंवई इन्सान हूँ जिसे ज्यादातर शहर के तौर तरीके पता नहीं हैं.
No comments:
Post a Comment