Sunday, April 10, 2011

bhrstachar

कौन नहीं है इस जहां में भ्रष्ट


भ्रष्ट आचार तो भारत के जन-जन में समावेशित है


आज जो सब खड़े हैं भ्रस्टाचार के विरुद्ध में


उस में से जयादातर भ्रष्ट है


नेता को आसमान से नहीं टपक पड़ता है वो हमारे बीच का हीं एक समांन्य मानव होता है


जो की भ्रस्टाचार के बीच जन्म लेता है पलता है फलता है फूलता है तो वो भी भ्रस्टाचारी बन जाता है


क्या हम ने अपने अन्दर झांक कर देखा है हम कितने ईमानदार हैं और कितने चोर है हमारे अन्दर ईमानदारी का प्रतिसत क्या है और बेईमानी का प्रतिसत क्या है


जब एक बालक घर में जन्म लेता है तोसब कुछ वो घर से हीं तो सीखता हैं


अछे आचार-विचार या भ्रस्टाचार


एक बाबु का बेटा देखता है की उस के घर में सारी सामग्री उपलब्ध है जबकी उस के पिता की इतने समर्थ तो नहीं हैं तो वो चोरी करना हीं सीखेगा ना या वो ईमानदारी सीखेगा ...


आज का युवा जो IAS बन ता उस में कितने देश भक्ति की बात सोंचते हैं और कितने अपने घर को भरने की बात सोचते है। कितने डॉक्टर ग्रामीण इलाके में जाकर सेवा करना सोचते है। शायद १ प्रतिसत या उस से भी


अभी तो जन-मानस में अलख जगाने की जरूरत है ॥ चोरी करना बंद करो।






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About Me

मैं एक ऐसा व्यक्ति हूँ जो सोचता बहुत हूँ पर करता कुछ भी नहीं हूँ. इस से अच्छा मेरा परिचय कुछ भी नहीं हो सकता है मैं खयालों की दुनिया में जीने वाला इन्सान हूँ . सच्चाई के पास रह कर भी दूर रहने की कोशिश करता हूँ अगर सच्चाई के पास रहूँगा तो शायद चैन से नहीं रह पाउँगा पर हर घड़ी सत्य की तलाश भी करता रहता हूँ . शायद आप को मेरी बातें विरोधाभाषी लग रही होगी पर सच्चाई यही हैं.. ये बात सिर्फ मुझ पर हीं नहीं लागू होती है शायद हम में से ज्यादातर लोगों पर लागू होती है. मैं तो गांव में पला -बढा ,शहर की बारीकियों से अनजान इक गंवई इन्सान हूँ जिसे ज्यादातर शहर के तौर तरीके पता नहीं हैं.